परिश्रम को सफलता की चाबी माना जाता है।हर मानव की कुछ इच्छाएँ व आवश्यकतायें होती हैं। वह सुख शान्ति की कामना करता है, दुनियाँ में नाम की इच्छा रखता है।किन्तु कलपना से ही सब कार्य सिद्ध नहीं हो जाते। इसके लिये परिश्रम करना पड़ता है। जैसे सोये हुए शेर के मुख में पशु स्वयं ही प्रवेश नही करता उसे भी परिश्रम करना पड़ता है, वैसे ही केवल मन की इच्छा से काम सिद्ध नही होते उनके लिये परिश्रम करना पड़ता है। परिशम ही जीवन की सफलता का रहस्य है। कठिन परिश्रम ही भाग्य को बनाता है। किया गया परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता। वह अपना रंग अवश्य दिखाता है। परिश्रम का महत्व परिश्रम करने वाले से अधिक कोई नहीं जानता है। परिश्रम के सहारे मनुष्य किसी भी प्रकार की कठिनाई को अपने मार्ग से दूर हटा देता है।परिश्रम के बल पर मानव अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है। एक आलसी व अकर्मण्य मानव कभी अपना लक्ष्य नहीं प्राप्त कर सकता।मानचित्र में जापान बहुत ही छोटा देश है परन्तु उसका लोहा पूरा विश्व मानता है। आज जापान हर क्षेत्र में अग्रणीय है। ऐसा वहाँ के लोगों के कठोर परिश्रम के कारण ही संभव हो पाया है। भारत जिसने कई वर्षों की गुलामी सही। उसकी अतुल धन-संपदा को लुट लिया गया परन्तु इस देश के नागरिकों ने पुन: स्वयं को विश्व के यूरोपीय देशों की कतार में ला खड़ा किया है। परिश्रम अपनी कहानी स्वयं कहता है। यदि हम कहीं सफल नहीं हो पाते हैं, तो समझ लेना चाहिए कि हमने पूरी तरह से परिश्रम नहीं किया है। विद्यार्थी जीवन में भी परिश्रम बहुत महत्व रखता है। यदि विद्यार्थी पढ़ने में मन नहीं लगाता है और निरंतर अभ्यास नहीं करता, तो परीक्षा में उसके हाथ असफलता ही लगती है। परिश्रम जितना अधिक किया होगा, सफलता का स्वाद उतना ही रसीला होगा।।मानव परिश्रम से अपने भाग्य को बना सकता है ,कहा जाता है कि ईश्वर भी उन्ही की मदद करता है जो अपनी मदद स्वयं करते हैं।मानव का शारीरिक व मानसिक विकास भी परिश्रम पर निरभर करता है। आधुनिक मनुष्य वैज्ञानिक यंत्रों का पुजारी बनता जा रहा है।परिश्रम की ओर से लापरवाही इसमें घर करती जा रही हैं। नैतिक पतन हो रहा है जिससे अशांति फैलती जा रही है। फलस्वरूप समाज और रष्ट्र की प्रगति के लिये भी परिश्रम आवश्यक है।सच्चे सुख व विकास के लिये परिश्रम के महत्त्व को समझना अत्यन्त आवश्यक है।अत: हमे परिश्रम महत्व को समझते हुए परिश्रम को जीवन में महत्व देना चाहिए।
written by Deep prabhat Tirkey
Parishram ka mahatva essay in Hindi ke antargat parishram ka mool tatva vyakti ki pragati ke liye avashyak hai. Parishram se hi insaan apne lakshyaon ki aur badh sakta hai aur safalta prapt kar sakta hai. Parishram ke madhyam se vyakti apni kshamata ko viksit kar sakta hai aur samaj mein yogdan de sakta hai. Isliye, parishram ka mahatva anivarya hai.
Vidhyarthi ke jeevan mai manoranjan ka mahatva yaani entertainment ka mahatva bhi hai kyunki yeh unka stress release karta hai aur unki creativity ko badhata hai. Sahi manoranjan unke man ko shant aur khush rakhne mai madad karta hai, jo unke padhai aur career ke liye bhi zaruri hai. Isi liye, vidhyarthi ko balanced tarah se padhai aur manoranjan dono ko apnana chahiye.
श्रम का महत्व है क्योंकि यह हमारे जीवन में स्वास्थ्य और सफलता की मुख्य ऊर्जा स्रोत है। श्रम से हम स्वावलंबी बनते हैं और समाज में योगदान करने की क्षमता विकसित होती है। इसलिए, हमें श्रम का सम्मान करना चाहिए और इसे समर्पित करना चाहिए।
EWAN KO SAYO.. edi pumunta ka sa GMA tas dun ka manghingi .. BOA ka !
In the Philippines, you can say "Kamusta ka ngayon?" to ask how someone is doing today.
The real name of the actress who plays Babita in the Indian TV show "Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah" is Munmun Dutta.
kitab ka mahatva
नदियों का महत्व है क्योंकि वे हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये पानी और ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं, साथ ही वे जल, पर्यावरण और प्राणियों के लिए भी आवश्यक हैं। इसके अलावा, नदियां भूमि को समृद्धि प्रदान करती हैं और लोगों के लिए विविध साम्राज्यिक, आर्थिक और पर्यटन लाभ प्रदान करती हैं।
Vyayam ka mahatva bahut adhik hai kyunki isse humari sharirik aur mansik swasthya mein sudhar hota hai. Vyayam karne se hriday ke rogo ka khatra kam hota hai, vajan niyantran mein madad milti hai aur atmavishvas bhi badhta hai. Iske alawa vyayam karke hamare sharir ki chamak bhi badhti hai aur hamara immune system majboot hota hai. Isliye vyayam ko apni dincharya ka ek mahatvapurn hissa banakar rakhna chahiye.
teri ...............................................................................................................................................................................................
नारी शिक्षा का महत्व अत्यंत उच्च है क्योंकि यह समाज के विकास में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित करता है। नारी शिक्षा से महिलाएं स्वतंत्र और समर्थ बनती हैं, जिससे वे अपने जीवन में स्वाधीनता प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही, नारी शिक्षा समाज में समानता और विकास को बढ़ावा देती है और समर्थ महिला एक सशक्त समाज की नींव बनती है।
खेल भारत में अत्यधिक महत्व रखते हैं। खेल द्वारा व्यक्तित्व विकसित करने, स्वस्थ रहने और सामर्थ्य वर्धित करने में मदद मिलती है। खेल के माध्यम से सामाजिक समरसता और टीम वर्क की क्षमता भी विकसित होती है।
वाणों का महत्व समाज में बहुत अधिक है। वाण्यों के बिना समाज का व्यवस्थित आयोजन नहीं हो सकता। वाण्यों के माध्यम से आत्मनिर्भरता और विकास की प्रक्रिया को समाप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, वाण्यों से समाज में कर्मचारियों की रोजगार संभावनाएं भी बढ़ती हैं।
To write an essay on "परीक्षा का महत्व" (importance of exams) in Hindi, start by introducing the topic and its significance in education. Discuss the purpose of exams in assessing students' knowledge and understanding. Highlight the role of exams in shaping a student's academic performance and future opportunities. Conclude by emphasizing the need for a balanced approach towards exams for holistic development.
Chota parivar isliye hona chahiye ki isse ladai nhi hoti
-_-
नारी शिक्षा का महत्व है क्योंकि यह समाज में स्थिति और सम्मान को सुनिश्चित करता है। शिक्षित महिलाएं स्वतंत्रता, सामर्थ्य और समृद्धि को प्राप्त करने में सक्षम होती हैं। इसके साथ ही, नारी शिक्षा समाज को सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी सुदृढ़ बनाती है।
poshan ka mahatva, poshan k fayde. Tandursati ka mahtava and fayde. Etc.