'विज्ञान' आज के युग का सबसे बड़ा चमत्कार है। इसके कारण ही मानव जीवन सुविधापूर्ण हो पाया है। जिधर नज़र डाल लीजिए उधर इसके रूप नज़र आ जाएँगे। आज का युग विज्ञान का युग है। इसने अपने आविष्कारों से मनुष्य की काया ही पलट दी है। आज जितना विज्ञान का बोलबाला है शायद ही किसी और का होगा। आज हर सुविधा मनुष्य के कदमों पर है। कुछ घंटे में हज़ारों मील दूर रहने वाले किसी अपने के पास जा सकते हैं। चाँद की यात्रा कर सकते हैं। अन्य ग्रहों और तारों की तस्वीरें पृथ्वी में बैठे-बैठे खींच सकते हैं। मनुष्य ने समुद्र का सीना चीर के विशाल सेतु खड़े कर दिए हैं। आज मनुष्य ने विज्ञान के कारण ही आकाश, पाताल और धरती पर अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है।
एक समय था जब महामारियों के कारण बस्ती की बस्तियाँ उजड़ जाती थीं। बीमारी के कारण ही हज़ारों मनुष्य काल का ग्रास बन जाते थे। विज्ञान के कारण ही उन बीमारियों को जड़ से उखाड़ा जा सका है।
आज मनुष्य ने हैजा, प्लेग, चेचक जैसी बीमारियों को जड़ से उखाड़ फेंका है। चिकित्सा के क्षेत्र में चमत्कारी क्रांति विज्ञान के कारण ही संभव हो पाई है। विज्ञान की एक यही देन नहीं है। प्राचीनकाल में मनुष्य अपने मनोरंजन के लिए संगीत, नृत्य, नृत्यनाटिका, खूनी खेल प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों पर निर्भर रहा करता था। परन्तु आज वह घर बैठे ही टीवी के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम एक ही समय में देख सकता है। उसने टीवी और रेडियो के माध्यम से दुनिया को एक कमरे में कैद कर लिया है। कंप्यूटर उसके इस युग की सबसे बड़ी देन है। पूरी दुनिया जैसे इसके अंदर समाहित हो गई है। अब घर बैठे आप हज़ारों मील रहने वाले किसी अपने से बातचीत कर सकते हैं। पत्र के इतंज़ार में उसे कई-कई दिनों तक आस लगाए रहने की आवश्यकता नहीं है। बस एक मेल किया और कुछ क्षणों में हालचाल जान लिया। हमारे जीवन में छोटी से छोटी वस्तु कहीं न कहीं विज्ञान का ही आविष्कार है। विज्ञान हमारे लिए ऐसा वरदान है, जिसने हमारे जीवन को सुखमय बना दिया है।
यह बात भी सत्य है कि वरदान का यदि दुरुपयोग किया जाए, तो उसे अभिशाप बनते देर नहीं लगती है। हमने इसका प्रयोग अपने जीवन को सभी सुविधाओं से युक्त और सुखमय बनाने के लिए किया। हम यह भुल गए कि इसकी सहायता से जो आविष्कार हमारे द्वारा किए गए हैं, उनका बिना-सोचे समझे किया गया प्रयोग हमारे आने वाले भविष्य को संकट में डाल रहा है। आज हर तरह का प्रदूषण इन आविष्कारों की देन है। वाहनों ने वायु और ध्वनि प्रदूषण को बढ़ाया है। मनुष्य की प्रगति ने पृथ्वी का नाश किया है और रहा सहा जो बचा है, हमारे द्वारा विध्वंस करने वाले संहारक अस्त्रों को बनाकर पूरा कर लिया गया है। ये हथियार मनुष्यता की रक्षा के स्थान पर मनुष्य के नाश का साधन मात्र बनकर रह गए हैं। हमें चाहिए कि ऐसे प्रयास करें कि विज्ञान को अभिशाप के स्थान पर वरदान ही बने रहने दिया जाए। विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान है। इसका प्रयोग मानवता के लिए किया जाए, तभी तक यह महत्वपूर्ण है। नहीं तो इसकी उपयोगिता मानवता के लिए नग्न है। हमें चाहिए कि इसका प्रयोग सोच-विचार कर करें। ऐसे आविष्कारों के निर्माण और खोज पर प्रतिबंध लगा दिया जाएँ, जो पूरी मानव जाति के लिए घातक सिद्ध हों। मानव जाति के कल्याण के लिए ही इसका उपयोग किया जाए। ऐसा करने से यह बहुमूल्य वरदान फलीभूत होगा और हम इसका भरपूर लाभ उठा सकेंगे।
विज्ञान वरदान और अभिशाप - विज्ञान ने मानवियत को बहुत सुविधाएं प्रदान की हैं, जैसे विश्वासी दवाओं का आविष्कार, ऊर्जा संपादन, इंटरनेट की विस्तारित मानव संपर्क साधन। हालांकि, विज्ञान ने पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी कई संक्रांतिकारी समस्याएं उत्पन्न की हैं, जैसे प्रदूषण, जैव विविधता की क्षति, और अवसाद. इसलिए, हमें विज्ञान की उपयोगिता को सही समय, सही मापदंडों और जिम्मेदारी से सबकुछ अँगूठा थामते हुए उपयोग करना चाहिए।
Vigyan vardan aur abhishap ke bare mein nibandh likhne par, main yah kahunga ki vigyan hamare jeevan ko aasan aur suvidhajanak banata hai, lekin uska durupyog bhi kai samasyayein la sakta hai. Isliye humein sahi marg par chalne aur samajhdari se vigyan ka upyog karna chahiye.
विज्ञान वरदान है क्योंकि इसने हमें तकनीकी उत्कृष्टि, नवाचार, और समस्याओं का समाधान देना सिखाया है। विज्ञान के माध्यम से हम अपने जीवन को सुविधाजनक बनाने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। परंतु, यदि यह सामाजिक या पर्यावरणीय क्षेत्रों में दुरुपयोग हो तो विज्ञान अभिशाप बन सकता है जो हमारे प्राकृतिक संसाधनों को संकीर्ण कर सकता है।
hamay bhagwan se achey sangathi me rahane ka vardaan mangna chahiye
Essay is called "निबंध" in Hindi.
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विज्ञान वरदान है क्योंकि इसने हमें तकनीकी उत्कृष्टि, नवाचार, और समस्याओं का समाधान देना सिखाया है। विज्ञान के माध्यम से हम अपने जीवन को सुविधाजनक बनाने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। परंतु, यदि यह सामाजिक या पर्यावरणीय क्षेत्रों में दुरुपयोग हो तो विज्ञान अभिशाप बन सकता है जो हमारे प्राकृतिक संसाधनों को संकीर्ण कर सकता है।
There are two seperate words for zoology and botany. Zoology is called "jeev vigyan" and botany is called "vanaspati vigyan". Vigyan means science.
vigyan me snatak
भौतिक विज्ञान bhotik vigyan
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